Best of Rahat Indori
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे।
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शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम,
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे।
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छाटले जरी पंख माझे,
पुन्हा उडेन मी.
अडवू शकेल मला,
अजुन अशी भिंत नाही
Vizlo Jari Aaj Mi (विझलो आज जरी मी) – Suresh Bhat Read Post »
मैं तुझे फिर मिलूँगी
कहाँ कैसे पता नहीं
शायद तेरे कल्पनाओं
की प्रेरणा बन
तेरे कैनवास पर उतरुँगी।
Main Tenu Pher Milangi – Amrita Pritam Read Post »
तू चाहे चंचलता कह ले,
तू चाहे दुर्बलता कह ले,
दिल ने ज्यों ही मजबूर किया,
मैं तुझसे प्रीत लगा बैठा।
Mai Tujhse Prit Laga Baitha-Udaybhanu ‘Hans’ Read Post »
वर्षों तक वन में घूम-घूम,
बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,
सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,
पांडव आये कुछ और निखर।
Shri Krishna Ki Chetawani-by Ramdhari Singh ‘Dinkar’ from Rashmitathi Read Post »
Mother Duck was really proud of her six new ducklings. They were soft, fluffy and yellow. Such fine little ducklings!
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।
Best of Munawwar Rana Read Post »
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।
A philosophy professor stood before his class and had some items in front of him. When the class began, he